प्लेन के पीछे की सीटें होती हैं सबसे सुरक्षित
हाल ही में कजाखस्तान और दक्षिण कोरिया में हुए विमान हादसों में जो लोग जिंदा बचे, वह विमान के पिछले हिस्से में सवार थे। इससे यह सवाल उठता है कि क्या वाकई प्लेन के पीछे की सीट सबसे ज्यादा सुरक्षित होती है? आइए जानते हैं इसके बारे में।
विमान हादसों के आंकड़ों को देखें, तो पता चलता है कि प्लेन के पीछे की सीटें सबसे ज्यादा सुरक्षित होती हैं। दरअसल, ज्यादातर विमान दुर्घटनाएं ऐसी होती हैं, जिसमें हादसे का असर आगे के हिस्से पर पड़ता है। पीछे का हिस्सा अक्सर दुर्घटना के वक्त टक्कर से बच जाता है।
अब अगर पीछे की सीट सबसे सुरक्षित मानी जाती है, तो सवाल है कि क्या सबसे ज्यादा असुरक्षित आगे की सीटें होती हैं? जी नहीं। किसी प्लेन में सबसे ज्यादा असुरक्षित बीच की सीटों को माना जाता है। दरअसल प्लेन में जिस जगह बीच की सीटें होती हैं, वहां विमान के पंखे भी होते हैं। इन पंखों में फ्यूल भरा होता है। हादसे के वक्त इनमें आग लगने का खतरा रहता है।
प्लेन के पंखे के पास वाली सीटें भले ही स्नैप और इंस्टाग्राम के लिए कूल लगती हों, लेकिन ये सबसे असुरक्षित हैं। ध्यान रखें यह बात टाइम मैगजीन ने 35 साल में हुए विमान हादसों की स्टडी के बाद एक रिपोर्ट तैयार की थी। इसके मुताबिक, पीछे की सीटों पर मौत का खतरा केवल 28 फीसदी होता है, जबकि बीच की सीटों पर यह 44 फीसदी होता है।
हालांकि ध्यान रखने वाली बात ये भी है कि हर हादसा अलग होता है। हर हादसे के तरीके, परिस्थिति और पायलट की कुशलता पर भी निर्भर करता है कि कौन बचेगा और कौन नहीं।
1979 में न्यूजीलैंड का एक विमान दुर्घटना का शिकार हुआ था, जिसमें कोई जिंदा नहीं बचा था। वहीं 2009 में यूएस एयरवेज की फ्लाइट पक्षियों के झुंड से टकरा गई थी। लैंडिंग के बाद फ्लाइट में मौजूद सभी लोग सुरक्षित बच गए थे।