नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें फिर बढ़ती नजर आ रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शेख हसीने और उनके सहयोगी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एक ऑडियो क्लिप के आधार पर न्यायमूर्ति मुर्जता मजूमदार की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने ये आदेश पारित किया है।
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप सामने आया, जिसमें कथित तौर पर बांग्लादेश की पूर्व पीएम कह रही हैं, “मुझे 227 लोगों को मारने का लाइसेंस मिला है। मेरे खिलाफ 227 मामले दर्ज किए गए हैं।” इस ऑडियो क्लिप की फॉरेंसिक जांच के बाद न्यायाधिकरण ने नोटिस जारी किया है।
शेख हसीने पर न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और धमकियां देने के आरोप लगे हैं। आईसीटी में अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने बताया कि हसीना और प्रतिबंधित छात्र लीग (BCL) नेता शकील आलम बुलबुल को 15 मई तक कारण बताओ नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने गुरुवार को नारायणगंज में पिछले साल जुलाई में हुए जन विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध करने के आरोपी आठ व्यक्तियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है।
आईसीटी के मुख्य अभियोजक मुहम्मद ताजुल इस्लाम ने कहा कि आरोपी नारायणगंज में व्यापक विरोध प्रदर्शनों के दौरान नागरिकों पर क्रूर हमलों में शामिल थे।
बता दें, पिछले साल 5 अगस्त को छात्रों के नेतृत्व में हुए एक बड़े आंदोलन के बाद हसीना भारत भाग गई थीं, जिसके कारण उनकी 15 साल पुरानी सरकार गिर गई थी। तीन दिन बाद, मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला।