इंडियन प्रीमियर लीग 2025 का आगाज 22 मार्च से होगा।
पहले मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स का सामना रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से होगा। केकेआर ने अजिंक्य रहाणे को अपना नया कप्तान बनाया है। यह फैसला कई लोगों को चौंकाने वाला लगा है।
केकेआर से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रहाणे को कप्तान बनाने के पीछे एक सोची-समझी रणनीति है। टीम प्रबंधन कप्तानी के मामले में अनुभव को महत्व देता आया है। पहले कप्तान सौरव गांगुली से लेकर ब्रेंडन मैकुलम, जैक कैलिस, गौतम गंभीर, इयान मोर्गन व दिनेश कार्तिक तक सभी बेहद अनुभवी रहे हैं।
प्रमुख खिलाड़ियों को दबाव-मुक्त रखने की रणनीति टीम प्रबंधन वेंकटेश, नारायण,
रसेल व रिंकू सिंह जैसे अपने सबसे प्रमुख खिलाड़ियों पर कप्तानी का दबाव नहीं डालना चाहता था। वह विदेशी खिलाड़ी को कप्तान बनाने के भी पक्ष में नहीं था क्योंकि जब-जब विदेशी खिलाड़ियों के हाथों में कमान सौंपी गई, टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
मैकुलम, कैलिस और मोर्गन की कप्तानी में टीम खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। केकेआर को तीनों बार देसी कप्तानों ने ही ट्रॉफी दिलाई है। 2012 व 2014 में गंभीर व 2024 में श्रेयस ने खिताब जिताया।
टीम में अच्छे बल्लेबाजों व गेंदबाजों की कमी नहीं है। जरूरत है परिस्थितियों के मुताबिक उनका बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल करने वाले कप्तान की। रहाणे इस भूमिका को बखूबी निभा सकते हैं।
रहाणे कप्तानी पर अच्छे से इसलिए भी ध्यान दे पाएंगे क्योंकि बल्लेबाज के तौर पर उनपर बहुत ज्यादा दबाव नहीं रहेगा। जैसे हालात, वैसा खेल रहाणे के बारे में एक अच्छी चीज यह है कि वे परिस्थितियों के मुताबिक बल्लेबाजी करने में माहिर हैं।
रहाणे ने पिछली सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 164.56 के स्ट्राइक रेट व 58 से अधिक के औसत से सर्वाधिक 469 रन बनाए हैं। आईपीएल के दो सत्रों में राजस्थान रॉयल्स के लिए उन्होंने 500 से अधिक रन बनाए हैं। यहीं नहीं,
आईपीएल में उनके दो शतक भी हैं यानी जरुरत के समय उनसे कप्तानी पारी की उम्मीद की जा सकती है।