भारतीय टीम के युवा तेज गेंदबाज आकाशदीप ने एजबेस्टन टेस्ट मैच में भारत की जीत को अपनी बड़ी बहन को समर्पित किया, जो कैंसर से जूझ रही हैं।
आकाशदीप ने कहा कि वह अपनी बहन के चेहरे पर खुशी देखना चाहते हैं, क्योंकि उन्होंने कठिन समय में उनका हौसला बढ़ाया और हमेशा बेहतर करने के लिए प्रेरित किया।
आकाशदीप का सफर बिहार के देहरी, सासाराम से भारतीय टीम तक संघर्षों से भरा रहा है। उन्होंने बताया कि बचपन में उनके पास क्रिकेट के लिए कोई मंच नहीं था। पड़ोसियों ने उनके परिवार को सलाह दी थी कि वे उन्हें क्रिकेट से दूर रखें। लेकिन आकाशदीप के पिता ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया।
आकाशदीप ने अपनी प्रतिभा के बल पर क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने बंगाल के लिए टी-20 से डेब्यू किया और अपनी गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया। आकाशदीप की गेंदबाजी की तारीफ क्रिकेट के जानकारों ने भी की है।
आकाशदीप ने पूर्व कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली को अपने आदर्श बताया। उन्होंने कहा कि टीम में रहते हुए उन्होंने उनसे बहुत कुछ सीखा। अनुशासन और समयबद्धता एक खिलाड़ी के लिए महत्वपूर्ण हैं और यह उन्होंने उन्हीं से सीखा। आकाशदीप ने कहा कि वह रोहित और विराट की तरह ही एक अच्छा खिलाड़ी बनना चाहते हैं।
आकाशदीप ने शुभमन गिल की कप्तानी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि गिल एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने अपनी टीम को जीत दिलाई, जो युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक है। आकाशदीप ने कहा कि वह शुभमन गिल की कप्तानी से बहुत कुछ सीख सकते हैं।
मुकेश कुमार ने भी अपनी गेंदबाजी पर ध्यान देने की बात की। उन्होंने कहा कि वे खेल के बाद अपनी गेंदबाजी देखते हैं और कमियों को दूर करने का प्रयास करते हैं। तेज गेंदबाज मो. शमी से तुलना करना उनके लिए गर्व की बात होगी। मुकेश कुमार ने कहा कि वह आकाशदीप के साथ मिलकर भारतीय टीम को और मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे।
आकाशदीप की कहानी संघर्ष और प्रतिभा की कहानी है। उन्होंने अपने परिवार और कोचों के समर्थन से अपने सपनों को पूरा किया। आकाशदीप की जीत उनकी बहन को समर्पित है, जो कैंसर से जूझ रही हैं। उनकी कहानी अन्य युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक है। आकाशदीप और मुकेश कुमार जैसे खिलाड़ियों के साथ, भारतीय टीम का भविष्य उज्ज्वल है।