आगरा में अवैध मतांतरण गिरोह का एक बड़ा मामला सामने आया है।
यह गिरोह इंटरनेट मीडिया के माध्यम से युवाओं को फंसाता था और उनका ब्रेनवॉश करता था। गिरोह के सदस्य युवाओं को इस्लाम के बारे में जानकारी देते थे और उन्हें कट्टर बनाने की कोशिश करते थे।
आगरा के ताप्सिया क्षेत्र में 90% मुस्लिम आबादी है, जिसे यह गिरोह मतांतरितों के लिए सेफ जोन के रूप में इस्तेमाल करता था। इस क्षेत्र में पहुंचना और किसी को बाहर निकालना मुश्किल होने के कारण यह गिरोह यहां मतांतरित युवक-युवतियों को रखता था।
कोलकाता पुलिस ने सदर क्षेत्र की दो बहनों को बरामद किया है, जिन्हें इस गिरोह ने अपने जाल में फंसाकर मतांतरण कराने की कोशिश की थी। दोनों बहनों को इस्लाम के बारे में जानकारी दी गई थी और उन्हें कट्टर बनाया जा रहा था।
अवैध मतांतरण का यह नेटवर्क योजनाबद्ध तरीके से काम करता था। इसमें अलग-अलग लोगों की भूमिका तय थी, जो युवाओं को फंसाने, उनका ब्रेनवॉश करने और उन्हें सलाह देने का काम करते थे।
गिरोह के सदस्य युवाओं को फंसाने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते थे। वे सोशल मीडिया पर युवाओं से संपर्क करते थे और उन्हें अपने जाल में फंसाते थे। इसके बाद वे युवाओं का ब्रेनवॉश करते थे और उन्हें इस्लाम के बारे में जानकारी देते थे।
प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए दोनों बहनों को बरामद कर लिया है। अब प्रशासन गिरोह के सदस्यों की तलाश कर रहा है और उन पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
आगरा में अवैध मतांतरण गिरोह का पर्दाफाश होना एक बड़ा मामला है। यह गिरोह युवाओं को फंसाकर उनका ब्रेनवॉश करता था और उन्हें कट्टर बनाने की कोशिश करता था। प्रशासन को ऐसे गिरोहों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और युवाओं को ऐसे गिरोहों से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।