सीआरएस की अनुमति मिलने के बाद सवारी गाड़ी का परिचालन शुरू हो सकेगा
खगड़िया-कुशेश्वर स्थान रेल लाइन पर सवारी गाड़ी चलाने की उम्मीदें फिर से जग गई हैं। अलौली गढ़ तक पटरी बिछाई जा चुकी है और मालगाड़ी का परिचालन हो रहा है। सीआरएस (कमीश्नर आफ रेलवे सेफ्टी) की अनुमति मिलने के बाद सवारी गाड़ी का परिचालन शुरू हो सकेगा।
खगड़िया से अलौली के बीच सवारी गाड़ी चलने की जगी उम्मीद
खगड़िया-कुशेश्वर स्थान रेल लाइन पर सवारी गाड़ी चलाने की उम्मीदें फिर से जग गई हैं। अलौली गढ़ तक पटरी बिछाई जा चुकी है और मालगाड़ी का परिचालन हो रहा है। सीआरएस (कमीश्नर आफ रेलवे सेफ्टी) की अनुमति मिलने के बाद सवारी गाड़ी का परिचालन शुरू हो सकेगा। आइडब्लूओ पिंटू कुमार ने बताया कि सीआरएस का काम जल्द ही पूरा होगा।
सवारी गाड़ी के चलने के बाद यात्रियों को काफी सुविधा होगी
खगड़िया-कुशेश्वर स्थान रेल लाइन पर सवारी गाड़ी चलाने की उम्मीदें फिर से जग गई हैं।
अलौली गढ़ तक पटरी बिछाई जा चुकी है और मालगाड़ी का परिचालन हो रहा है। सीआरएस (कमीश्नर आफ रेलवे सेफ्टी) की अनुमति मिलने के बाद सवारी गाड़ी का परिचालन शुरू हो सकेगा। सवारी गाड़ी के चलने के बाद यात्रियों को काफी सुविधा होगी।
खगड़िया-कुशेश्वर स्थान रेल लाइन पर सवारी गाड़ी चलाने की उम्मीदें फिर से जग गई हैं।
अलौली गढ़ तक पटरी बिछाई जा चुकी है और मालगाड़ी का परिचालन हो रहा है। सीआरएस (कमीश्नर आफ रेलवे सेफ्टी) की अनुमति मिलने के बाद सवारी गाड़ी का परिचालन शुरू हो सकेगा। खगड़िया-कुशेश्वर स्थान रेल परियोजना की कहानी काफी पुरानी है। सन 1998 में खगड़िया कुशेश्वर स्थान रेल परियोजना की आधारशिला रखी गई थी।
लेकिन 27 साल बीत गए, आज भी कोसी और मिथिला के बीच बनने वाली खगड़िया-कुशेश्वर स्थान रेल लाइन अधर में लटकी हुई है। इन 27 वर्षों में मात्र 18.8 किलोमीटर ही रेल पटरी बिछाई जा सकी है।
जिस पर लगभग 20 माह से सिर्फ मालवाहक ट्रेन चलाई जा रही है। खगड़िया से अलौली गढ़ स्टेशन के बीच अबतक सवारी गाड़ी नहीं दौड़ सकी है। 44 किलोमीटर की खगड़िया-कुशेश्वर स्थान रेल परियोजना कछुए की गति से चल रही है।