लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन व्रती आज गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य देंगे।
इसके बाद शुक्रवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाएगा।
छठ महापर्व के दौरान व्रती अपने परिवार के साथ गंगा घाट पर इकट्ठा होकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। यह पर्व सूर्य देव की उपासना और उनके प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।
गुरुवार को सूर्यास्त का समय: शाम 5:30 बजे
अर्घ्य देने का समय: शाम 5:00 से 5:30 बजे तक
शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय:
शुक्रवार को सूर्योदय का समय: सुबह 6:30 बजे
अर्घ्य देने का समय: सुबह 6:00 से 6:30 बजे तक
गंगा घाट सहित तालाबों के किनारे भव्य तैयारी की गई है।
व्रतियों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
गंगा किनारे व्रतियों के आने का सिलसिला दोपहर बाद से शुरू हो गया है।
प्रशासन ने व्रतियों की सुविधा के लिए विभिन्न सुविधाएं प्रदान की हैं।
छठ महापर्व सूर्य देव की उपासना और उनके प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।
यह पर्व व्रतियों को अपने परिवार और समाज के साथ जोड़ता है।
छठ महापर्व व्रतियों को अपने जीवन में सूर्य देव की ऊर्जा और शक्ति को प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।