यह कार्रवाई उन दुकानों और मकानों के खिलाफ की जा रही है जो रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए हैं।
रेलवे अपनी जमीन को चिन्हित करने के बाद चक्रधरपुर मंडल मुख्यालय को रिपोर्ट सौंपेगा। इसके बाद, रेलवे पहले अपनी जमीन खाली कराएगी और फिर खाली कराए गए भूखंड पर पुनर्विकास कार्य शुरू करेगा।
टाटानगर स्टेशन के पुनर्विकास के लिए लगभग 200 एकड़ भूमि की आवश्यकता है, और यह परियोजना जून से शुरू होने की उम्मीद है। इस परियोजना से न केवल रेलवे स्टेशन की सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि यह क्षेत्र के विकास को भी बढ़ावा देगी।
इस पुनर्विकास योजना के तहत, रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्र को भी विकसित किया जाएगा। इसमें नए रास्ते, पार्किंग सुविधाएं, और अन्य सुविधाएं शामिल होंगी।
इस परियोजना के लिए रेलवे ने एक विशेष टीम का गठन किया है, जो इस परियोजना की निगरानी और क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होगी।