जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक नेताओं की अनुपस्थिति से चिंता बढ़ी
अजरबैजान की राजधानी बाकू में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन (कॉप-29) शुरू हो गया है, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप के जलवायु परिवर्तन को धोखा करार देने और पेरिस समझौते से अमेरिका को फिर से बाहर निकालने के वादे ने चिंता पैदा की है। ट्रंप के अभियान ने विदेशी वस्तुओं पर 20% और चीनी वस्तुओं पर 60% टैरिफ लगाने का वादा किया है, जिससे प्रतिनिधियों में चिंता है।
सम्मेलन में विकासशील देशों को जलवायु वित्त के लिए एक ट्रिलियन डॉलर देने पर समझौता होने की उम्मीद है। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वान डेर लेयेन इस आयोजन में भाग नहीं लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
भारत का दृष्टिकोण जवाबदेही, हरित ऋण, निष्पक्ष फंडिंग और विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि लक्ष्यों पर केंद्रित है। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने पर्यावरण से जुड़े मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और टिकाऊ जीवन शैली को बढ़ावा देने पर जोर दिया है।