नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार की अल सुबह तेज आंधी और बारिश ने दस्तक दी।
इस दौरान 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली आंधी ने कई घरों और इलाकों में तबाही मचा दी। कई विशालकाय पेड़ घरों और कारों पर गिर गए, जिससे कई लोगों की मौत हो गई और कई कारें क्षतिग्रस्त हो गईं।
आंधी इतनी तेज थी कि कई विशाल पेड़ जड़ों से उखड़ गए और घरों और कारों पर गिर गए। एक जगह दो बड़े पेड़ के उखड़ने से एक कार उसकी जड़ में फंसकर लटक गई, जबकि पेड़ के आगे का हिस्सा दूसरी कार पर गिरा। इस तरह एक ही पेड़ ने कई कारों को नुकसान पहुंचाया। आंधी की वजह से कई घरों की छतें भी उड़ गईं और कई जगहों पर बिजली के तार टूट गए।
सुबह हुई वर्षा से एक बार फिर से दिल्ली की कई सड़कों पर पानी भर गया। दिल्ली की नई भाजपा सरकार इस बार जलभराव की समस्या दूर करने का दावा कर रही थी, लेकिन वर्षा होते ही दिल्लीवासियों की परेशानी बढ़ गई। सड़कों पर पानी भरने से यातायात भी प्रभावित हुआ और कई जगहों पर जाम लग गया।
दिल्ली की नई सरकार ने जलभराव की समस्या दूर करने के लिए कई दावे किए थे, लेकिन वर्षा होते ही सड़कों पर पानी भर गया। इससे दिल्लीवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अब देखना यह है कि सरकार इस समस्या का समाधान कैसे करती है। सरकार को जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
आंधी और बारिश ने दिल्लीवासियों की परेशानी बढ़ा दी है। कई लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने में परेशानी हो रही है। सड़कों पर पानी भरने से यातायात भी प्रभावित हुआ है। सरकार को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करना होगा।
दिल्ली में जलभराव की समस्या एक आम समस्या है। इसके कई कारण हैं, जिनमें से एक है शहर की खराब जल निकासी व्यवस्था। दिल्ली में कई जगहों पर जल निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं है, जिससे वर्षा के दौरान पानी सड़कों पर भर जाता है। इसके अलावा, शहर में अवैध निर्माण और अतिक्रमण भी जलभराव की समस्या को बढ़ावा देते हैं।
दिल्ली में जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए सरकार को कई कदम उठाने होंगे। सबसे पहले, शहर की जल निकासी व्यवस्था को सुधारना होगा। इसके लिए सरकार को नालों की सफाई और मरम्मत करनी होगी। इसके अलावा, सरकार को अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ भी कार्रवाई करनी होगी। सरकार को जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए एक ठोस योजना बनानी होगी और उसे लागू करना होगा।