दिल्ली की अदालत ने साल 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में आरोपित शरजील इमाम के केस पर सुनवाई करते हुए सोमवार को बड़ी टिप्पणियां की हैं।
इसके बाद अब अदालत ने ये भी आदेश दे दिया है कि शरजील के खिलाफ आरोप तय किए जाएं। अदालत ने शरजील को न सिर्फ हिंसा भड़काने वाला बल्कि हिंसा भड़काने का एक सरगना तक कह दिया।
शरजील इमाम न केवल हिंसा भड़काने वाला था, बल्कि ‘हिंसा भड़काने की एक बड़ी साजिश का सरगना’ भी था। ये टिप्पणी साकेत कोर्ट ने 2019 जामिया हिंसा मामले में सुनवाई के दौरान की। साथ ही शरजील इमाम के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह ने कहा कि जामिया विश्वविद्यालय के पास 13 दिसंबर को इमाम का भाषण ‘जहरीला’ था, “एक धर्म को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने वाला’ और ‘वास्तव में एक नफरत भरा भाषण’ था।
अदालत ने कहा कि शरजील इमाम ने चालाकी से अपना भाषण पेश किया था। अदालत इमाम और अन्य के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थी, जिनके खिलाफ न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस ने आईपीसी,
सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम (पीडीपीपी) और शस्त्र अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
अदालत ने कहा कि शरजील इमाम के भाषण से यह स्पष्ट है कि उन्होंने जानबूझकर एक धर्म को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश की।
अदालत ने कहा कि शरजील इमाम के भाषण में कई ऐसे बयान थे जो स्पष्ट रूप से हिंसा भड़काने वाले थे। अदालत ने कहा कि शरजील इमाम के भाषण से यह स्पष्ट है कि उन्होंने जानबूझकर एक धर्म को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश की।
अदालत ने कहा कि शरजील इमाम के भाषण में कई ऐसे बयान थे जो स्पष्ट रूप से हिंसा भड़काने वाले थे।