दरअसल, मौजूदा न्यायाधीश के आवास में आग लग गई थी, जिसे बुझाने पहुंचे कमकल कर्मियों ने जब वहां नोटों का भंडार देखा तो सब हैरान रह गए।
इस मामले ने राज्यसभा तक पहुंच गया है, जहां सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर एक संरचित चर्चा आयोजित करने के लिए एक तंत्र ढूंढेंगे। सीजेआई ने भी कार्रवाई की है और जस्टिस यशवंत वर्मा का दिल्ली से बाहर ट्रांसफर कर दिया है।
कांग्रेस के जयराम रमेश ने इस मुद्दे को राज्यसभा में उठाया और न्यायिक जवाबदेही पर सभापति से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि आज सुबह हमने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के आवास पर भारी मात्रा में नकदी पाए जाने के चौंकाने वाले मामले के बारे में पढ़ा।
इस मामले ने देश की न्यायपालिका की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे इस मामले में क्या कार्रवाई होती है।
इस मामले पर विपक्षी दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि यह मामला देश की न्यायपालिका की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।
इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। समिति इस मामले की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।