यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स की फांसी पर रोक
यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी पर रोक लग गई है। उन्हें 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर की हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई गई थी। केंद्र सरकार निमिषा को सुरक्षित वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने मामले की सुनवाई की। केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटारमणि ने कोर्ट को बताया कि निमिषा की फांसी को टाल दिया गया है और उनकी जान बचाने के लिए कोशिशें जारी हैं।
अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि निमिषा को सबसे पहले यमन में माफी हासिल करनी होगी। इसके बाद ब्लड मनी का मुद्दा आएगा, जो यमन के कानून में सजा को कम करने का एक जरिया है। यमन के कानून के मुताबिक, अगर पीड़ित का परिवार माफी दे दे और ब्लड मनी स्वीकार कर ले, तो सजा को रद या कम किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को और गहराई से सुनने के लिए 14 अगस्त की तारीख तय की है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह निमिषा को बचाने के लिए हर मुमकिन कदम उठाए।
निमिषा प्रिया केस में सुप्रीम कोर्ट का आदेश एक बड़ी राहत है। केंद्र सरकार के प्रयासों से निमिषा की फांसी पर रोक लग गई है। अब देखना यह है कि सरकार के प्रयासों से निमिषा को सुरक्षित वापस लाया जा सकता है या नहीं।
अब केंद्र सरकार को निमिषा को बचाने के लिए हर मुमकिन कदम उठाने होंगे। इसमें यमन सरकार से बातचीत करना, पीड़ित परिवार को मनाने की कोशिश करना और ब्लड मनी का भुगतान करना शामिल हो सकता है। सरकार के प्रयासों से ही निमिषा की जान बचाई जा सकती है।
निमिषा प्रिया एक भारतीय नर्स हैं जो यमन में काम कर रही थीं। उन्हें 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर की हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई गई थी। अब उनकी फांसी पर रोक लग गई है और केंद्र सरकार उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रयास कर रही है।