उन्होंने कहा कि लोकतंत्र एक राजमार्ग की तरह है,
जिसमें कोई रिवर्स गियर नहीं होता है। उन्होंने कहा कि कभी-कभार अंधे मोड़ के कारण क्षणिक रूप से पीछे हटना पड़ता है।
पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के समर्थकों ने काठमांडू में एक रैली का आयोजन किया था, जिसमें राजशाही की बहाली के लिए समर्थन प्रदर्शित किया गया था। प्रधानमंत्री ओली ने इस रैली पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लोकतंत्र को कभी भी पीछे नहीं धकेला जा सकता है।
उन्होंने आगे बढ़ने के महत्व पर बल दिया और कहा कि नेपाल को लोकतंत्र के रास्ते पर आगे बढ़ना होगा। प्रधानमंत्री ओली के इस बयान को राजशाही समर्थक समूहों के लिए एक स्पष्ट संदेश माना जा रहा है।
नेपाल में राजशाही की बहाली के लिए समर्थन प्रदर्शित करने वाले समूहों को प्रधानमंत्री ओली के इस बयान से एक बड़ा झटका लग सकता है। नेपाल के लोग लोकतंत्र के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और प्रधानमंत्री ओली के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि नेपाल में राजशाही की बहाली की कोई संभावना नहीं है।