नोएडा: फर्जी सिम कार्ड बेचकर साइबर अपराध करने वालों पर नोएडा पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
जांच एजेंसी ने 450 संदिग्धों को चिह्नित किया है, जो इस नेटवर्क से जुड़े हैं। पुलिस इन सभी को हिरासत में लेकर सरगना तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
फर्जी सिम का इस्तेमाल डिजिटल अरेस्ट और शेयर बाजार में निवेश जैसे साइबर अपराधों में हो रहा है। साइबर अपराध में फर्जी सिम का उपयोग हो रहा है, जिन्हें किसी दूसरे के दस्तावेज पर अलाट कराया जाता है। इनका उपयोग साइबर ठग कर रहे हैं।
पुलिस ने पिछले एक सप्ताह में गौतमबुद्ध नगर में मामूरा समेत संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। पुलिस का प्रयास है कि सभी से पूछताछ कर ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाई जा सके। साइबर मुख्यालय से मिला डाटा पुलिस अधिकारियों के मुताबिक साइबर मुख्यालय से सिम फर्जीवाड़े से जुड़े जिले के 450 संदिग्ध का डाटा मिला है।
एनसीआरपी पोर्टल पर भी सिम व बैंक खातों के खिलाफ शिकायते दर्ज हैं। इसको लेकर साइबर मुख्यालय और शासन भी सख्त है। जांच एजेंसी लगातार प्वाइंट आफ सेल व इनसे जुड़े डीलरों पर काबू पा रही है।
साइबर एक्सपर्ट और साइबर अपराधियों से पूछताछ में मिली जानकारी के मुताबिक, नोएडा में औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ किरायेदारी भी खूब है। यहां पर कम पढ़े लिखे कामगार, रिक्शा चालक आदि के सिम खरीदने के दौरान मामू बनाया जाता है।
उनके दस्तावेजों पर फर्जीवाड़ा होता है। एक की बजाय दो सिम प्राप्त किए जाते हैं। एक सिम को ग्राहक को तो दूसरा सिम साइबर ठगों को महंगे दाम पर बेचा जाता है। इन सिम की वैरीफिकेशन प्रक्रिया भी पूरी नहीं होती है। ठग साइबर अपराध में इनका उपयोग करते हैं।