लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने दिया अंजाम
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 5 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें मध्यप्रदेश के इंदौर निवासी LIC एजेंट सुशील नाथानिएल और छत्तीसगढ़ के रायपुर निवासी व्यापारी दिनेश मिराणिया शामिल हैं। इस हमले ने जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से एक्टिव आतंकी मॉड्यूल को सामने ला दिया है।
सूत्रों के अनुसार, यह हमला प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (LET) आतंकी संगठन से जुड़े एक कट्टर समूह द्वारा किया गया है, जिसमें ज्यादातर विदेशी आतंकवादी शामिल हैं, जिन्हें स्थानीय आतंकवादियों और घाटी के ओवरग्राउंड वर्करों का समर्थन प्राप्त है। यह समूह 2019 में अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद घाटी में हुए कई हाई-प्रोफाइल हमलों के पीछे है।
भारतीय एजेंसियों का कहना है कि इस समूह को लश्कर प्रमुख हाफिज सईद और उसके डिप्टी सैफुल्लाह द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो पाकिस्तान से काम कर रहे हैं। माना जाता है कि इस समूह को न केवल वैचारिक, बल्कि पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ISI से पूरा समर्थन मिलता है।
केंद्रीय सरकार ने आतंकी हमले की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। सरकार ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत किसी भी तरह की ढील नहीं बरतने वाला है।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार की ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी और दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
इस हमले के बाद देशभर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता की मांग उठने लगी है। लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है और सरकार से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में और भी कड़े कदम उठाने का आग्रह किया है।