पहलगाम हमले के बाद उठ रहे सवाल
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर का एक बयान काफी ज्यादा सुर्खियों में आ गया है।
मुनीर ने अपने बयान में कश्मीर को इस्लामाबाद के ‘गले की नस’ बताया था और हिन्दुओं को मुस्लिमों से अलग बताया था। अब पहलगाम हमले के बाद लगातार ये सवाल उठ रहा है कि असीम मुनीर ने आतंकियों को हिन्दुओं के खिलाफ भड़काने का काम किया था।
मुनीर ने अपने बयान में बंटवारे का जिक्र करते हुए हिन्दुओं को मुस्लिमों से अलग बताया था और कहा था कि हम साथ नहीं रह सकते हैं। अब ऐसा माना जा रहा है कि मुनीर के इसी बयान ने आतंकियों को हिन्दुओं पर हमला करने के लिए प्रेरित किया।
मुनीर ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों के साथ एक बैठक में भारत और हिन्दुओं के खिलाफ जहर उगलने वाला बयान दिया था। मुनीर ने जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान के दावे को दोहराया था और टू-नेशन थ्योरी का बचाव किया था, जिसके कारण 1947 में भारत का बंटवारा हुआ था और पाकिस्तान बना था।
भारत ने मुनीर के इस बयान पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के साथ एकमात्र संबंध उस देश की ओर से अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों को खाली करना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, “कोई विदेश चीज कैसे हमारे गले में अटक सकती है? यह भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है।”
पहलगाम हमले में दो पाकिस्तानी आतंकियों समेत चार आतंकियों के शामिल होने की बात सामने आई है। सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच भी जारी किए हैं और सर्च ऑपरेशन चलाकर उनकी तलाश की जा रही है। हमला करने वाले दो आतंकी पश्तो भाषा में बात कर रहे थे,
जिससे साफ होता है कि वो पाकिस्तानी नागरिक हैं। दो स्थानीय आतंकियों की भी पहचान हुई है, जिनके नाम आदिल अहमद और आशिफ शेख बताए गए हैं।