जाति जनगणना का एलान
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जाति जनगणना का एलान कर एक बड़ा कदम उठाया है। इस फैसले को भाजपा एक मास्टरस्ट्रोक बता रही है, जबकि विपक्षी दल इसे अपनी जीत बता रहे हैं।
केंद्र सरकार के इस फैसले से विपक्षी दलों की मांग पूरी हो गई है, जो लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग कर रहे थे। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की आलोचना की थी।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार के सामने 10 नई मांगें रखी हैं। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना तो शुरुआत है, पिक्चर अभी बाकी है। तेजस्वी यादव की मांगों में विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज, पिछड़ों/अति पिछड़ों के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र, निजी क्षेत्र में आरक्षण, ठेकेदारी में आरक्षण, न्यायपालिका में आरक्षण और मंडल कमीशन की शेष सिफारिशों को लागू करना शामिल है।
भाजपा ने इस फैसले को एक मास्टरस्ट्रोक बताया है, जिससे पार्टी को बिहार विधानसभा चुनाव में फायदा हो सकता है। हालांकि, विपक्षी दल इसे अपनी जीत बता रहे हैं और केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भाजपा के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है, जबकि अन्य इसे विपक्षी दलों की जीत बता रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह फैसला एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। अब देखना यह है कि यह फैसला चुनाव के नतीजों पर कितना प्रभाव डालेगा।