मनमोहन सिंह की जिंदगी में सबसे बड़ा दिन जून 1991 में आया था, जब उन्हें पी.वी. नरसिंह राव के विश्वासपात्र पी.सी. अलेक्जेंडर द्वारा एक फोन कॉल किया गया था।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया है। वह 92 वर्ष के थे। उनका जन्म 26 सितंबर 1932 को पाकिस्तान में हुआ था। मनमोहन सिंह की जिंदगी में सबसे बड़ा दिन जून 1991 में आया था, जब उन्हें पी.वी. नरसिंह राव के विश्वासपात्र पी.सी. अलेक्जेंडर द्वारा एक फोन कॉल किया गया था, जिसने उनके जीवन में सब कुछ बदल दिया था।
मनमोहन सिंह ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में 2004 से 2014 तक कार्य किया। वह एक अर्थशास्त्री, शिक्षाविद्, नौकरशाह और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मनमोहन सिंह के निधन पर देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेताओं ने डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
डॉ. सिंह के निधन पर 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। उनकी अंतिम यात्रा पूरे राजकीय सम्मान के साथ संपन्न की जाएगी।
मनमोहन सिंह के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ जून 1991 में आया था, जब उन्हें पी.वी. नरसिंह राव के विश्वासपात्र पी.सी. अलेक्जेंडर द्वारा एक फोन कॉल किया गया था। इस फोन कॉल ने मनमोहन सिंह के जीवन में सब कुछ बदल दिया था।
मनमोहन सिंह ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वह एक अर्थशास्त्री, शिक्षाविद्, नौकरशाह और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मनमोहन सिंह के निधन पर देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेताओं ने डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
डॉ. सिंह के निधन पर 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। उनकी अंतिम यात्रा पूरे राजकीय सम्मान के साथ संपन्न की जाएगी।