यह मुलाकात बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने बहु-क्षेत्रीय और तकनीकी सहयोग पर चर्चा की ।
इस मुलाकात का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि पिछले साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद भारत-बांग्लादेश के संबंधों में खटास आ गई थी।
बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन ने पहले कहा था कि ढाका ने नई दिल्ली के साथ द्विपक्षीय बैठक का अनुरोध किया है, और इस बैठक के होने की पर्याप्त संभावना है ।
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर यूनुस को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने दोनों देशों के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई थी ।
इस मुलाकात के अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से भी मुलाकात की और भूकंप प्रभावित म्यांमार को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया ।
इस मुलाकात के बाद, भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीदें बढ़ गई हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा और अन्य मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने की संभावना है।
हालांकि, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हमलों के मुद्दे पर भारत की चिंता बनी हुई है। भारत सरकार ने पहले भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है और बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।