नई दिल्ली। भारत और श्रीलंका के बीच गहरे सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को मजबूत करने के प्रतीक के रूप में,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने ‘मित्र विभूषण’ पुरस्कार से सम्मानित किया है। यह श्रीलंका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसकी शुरुआत फरवरी 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने की थी।
मित्र विभूषण पुरस्कार श्रीलंका का एक सम्मान है, जो मित्र राष्ट्रों के प्रति असाधारण योगदान और मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है। इस सम्मान के तहत एक प्रशस्ति पत्र और एक रजत पदक प्रदान किया जाता है, जिसे गले में पहना जाता है। पदक को कमल, ग्लोब, सूर्य, चंद्रमा और चावल के ढेर के प्रतीकों के साथ नौ प्रकार के श्रीलंकाई रत्नों (नवरत्नों) से जड़ा और सजाया जाता है।
इस अवसर पर कई सांस्कृतिक प्रतीकों का उल्लेख किया गया, जैसे:
धर्म चक्र: साझी बौद्ध धरोहर
-पुन कलसा: समृद्धि और नवीनीकरण
नवरत्न: मूल्यवान मित्रता
सूर्य-चंद्रमा: अतीत से भविष्य तक की अनंत मित्रता
इन प्रतीकों का महत्व भारत-श्रीलंका के गहरे सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह सम्मान मेरे लिए नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों के लिए है। यह भारत-श्रीलंका के बीच गहरे संबंधों को दर्शाता है।”
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के साथ हमारे संबंध बहुत मजबूत हैं। हमें गर्व है कि हम उन्हें इस सम्मान से सम्मानित कर रहे हैं।”
भारत और श्रीलंका के बीच संबंध बहुत पुराने हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों का इतिहास बहुत समृद्ध है। श्रीलंका में बौद्ध धर्म का प्रसार भारत से हुआ था, और दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी बहुत पुराना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रीलंका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलने से भारत-श्रीलंका संबंधों को और मजबूती मिलेगी। यह सम्मान दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को दर्शाता है, और हमें उम्मीद है कि भविष्य में दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे।