बंगाल सरकार का फैसला झारखंड के किसानों के लिए बहुत बड़ा झटका है।
बंगाल सरकार के आलू निर्यात पर रोक लगाने के बाद झारखंड और बंगाल के किसानों के बीच तनाव बढ़ गया है। झारखंड के किसानों ने बंगाल से आने वाले सब्जियों के वाहनों को रोक दिया है, जबकि बंगाल के किसान भी अपने उत्पादों की आपूर्ति रोकने के लिए तैयार हो गए हैं।
इस मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हस्तक्षेप किया है और मुख्य सचिव अलका तिवारी को मामले का समाधान निकालने का निर्देश दिया है। अलका तिवारी ने बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से बात की है और उम्मीद जताई है कि जल्द ही इस मामले का समाधान निकाल लिया जाएगा।
इस बीच, बंगाल सरकार ने आलू की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए दूसरे राज्यों में आलू के निर्यात पर रोक लगा दी है। इसके बाद झारखंड, ओडिशा सहित कई राज्यों में आलू की कीमत में तेजी से इजाफा हो रहा है।
झारखंड के किसानों ने बंगाल सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा है कि बंगाल सरकार का यह फैसला झारखंड के किसानों के हितों के खिलाफ है। उन्होंने मांग की है कि बंगाल सरकार अपने इस फैसले को वापस ले।
इस मामले में झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा है कि बंगाल सरकार का यह फैसला झारखंड के किसानों के लिए बहुत बड़ा झटका है। उन्होंने कहा है कि झारखंड सरकार इस मामले में बंगाल सरकार से बातचीत करेगी और इस समस्या का समाधान निकालेगी।
इस बीच, बंगाल के किसान भी अपने उत्पादों की आपूर्ति रोकने के लिए तैयार हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर झारखंड सरकार उनके उत्पादों की आपूर्ति नहीं रोकती है, तो वे अपने उत्पादों की आपूर्ति रोक देंगे।
इस मामले में झारखंड के व्यापारी संघ ने कहा है कि बंगाल सरकार का यह फैसला झारखंड के व्यापारियों के लिए बहुत बड़ा झटका है। उन्होंने कहा है कि झारखंड के व्यापारी बंगाल से आलू और अन्य उत्पादों का आयात करते हैं, लेकिन अब बंगाल सरकार के इस फैसले के बाद वे अपने व्यवसाय को चलाने में असमर्थ होंगे।
इस मामले में झारखंड के उपमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड सरकार इस मामले में बंगाल सरकार से बातचीत करेगी और इस समस्या का समाधान निकालेगी। उन्होंने कहा है कि झारखंड सरकार अपने किसानों और व्यापारियों के हितों की रक्षा करेगी।