अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों का लंबे समय से उत्पीड़न हो रहा है। गबार्ड ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में इस्लामी आतंकवादियों का खतरा बढ़ गया है।
गबार्ड की टिप्पणी के बाद बांग्लादेश सरकार ने उनके बयान का खंडन किया है। सरकार ने कहा है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता है और उनके अधिकारों की रक्षा की जाती है।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है। देश में हिंदू, बौद्ध, ईसाई और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लोग रहते हैं। लेकिन इन समुदायों के लोगों को अक्सर उत्पीड़न और हिंसा का सामना करना पड़ता है।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं। इनमें हत्या, बलात्कार, घरों और धार्मिक स्थलों की तोड़फोड़ और आगजनी जैसी घटनाएं शामिल हैं। इन घटनाओं के लिए अक्सर इस्लामी आतंकवादी समूहों को जिम्मेदार ठहराया जाता है।
बांग्लादेश सरकार ने गबार्ड की टिप्पणी का खंडन किया है। सरकार ने कहा है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता है और उनके अधिकारों की रक्षा की जाती है। सरकार ने यह भी कहा है कि बांग्लादेश में इस्लामी आतंकवादियों का खतरा नहीं है।
लेकिन वास्तविकता यह है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की घटनाएं आम हैं। इन घटनाओं के लिए अक्सर इस्लामी आतंकवादी समूहों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। इसलिए, बांग्लादेश सरकार को अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए और अधिक कदम उठाने चाहिए।