पिता की मृत्यु के बाद कंधा देने वाली बहनें अब पुलिस की वर्दी में कानून की रक्षक बनीं।
उनकी अंतिम यात्रा में कंधा देने और सिर मुंडन की रस्म पूरी करने में शामिल हुईं। खुशबू और पूजा ने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की और अब बिहार पुलिस में दारोगा की वर्दी पहनकर कानून की रक्षक बन गई हैं।
इन बहनों की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे महिलाएं समाज की अपेक्षाओं को तोड़कर अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकती हैं। उनके पिता, गिरिधर प्रसाद, का कारोबार था, लेकिन आर्थिक स्थिति बिगड़ने के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा। तीन बेटियों की शादी होने के बाद, खुशबू और पूजा की शादी की भी बात होने लगी, लेकिन उन्होंने इसे टालने का फैसला किया।
दोनों बहनों ने भागलपुर में हॉस्टल में रहकर 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की और फिर खुशबू ने चेन्नई में बीटेक और पूजा ने पटना में बीसीए की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने दिल्ली पुलिस सेवा के लिए आयोजित परीक्षा में सफलता प्राप्त की, लेकिन उन्होंने अपने राज्य की वर्दी पहनने का फैसला किया
परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ने के कारण, तीन बेटियों की शादी हुई। लेकिन खुशबू और पूजा ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और पुलिस सेवा में शामिल हुईं
इन बहनों ने समाज की रूढ़ियों को तोड़ दिया है। उन्होंने पिता की मृत्यु के बाद उनकी अंतिम यात्रा में कंधा देने और सिर मुंडन की रस्म पूरी करने में शामिल हुईं। यह एक प्रेरणा है कि कैसे महिलाएं समाज की अपेक्षाओं को तोड़कर अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकती हैं।
पुलिस सेवा में शामिल होना
खुशबू और पूजा ने बिहार पुलिस में दारोगा की वर्दी पहनकर कानून की रक्षक बन गई हैं। उन्होंने अपने राज्य की वर्दी पहनने का फैसला किया और अब वे समाज की सेवा कर रही हैं।
इन बहनों की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे महिलाएं समाज की अपेक्षाओं को तोड़कर अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकती हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और पुलिस सेवा में शामिल हुईं। यह एक गर्व की बात है कि बिहार की बहनें समाज की सेवा कर रही हैं।