रेलवे क्लेम घोटाले में 100 करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है।
ईडी ने पटना, नालन्दा और मैंगलूर समेत पांच स्थानों पर छापेमारी की है। इस मामले में कई न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की जांच की जा रही है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार की सुबह से पटना, नालन्दा और मैंगलूर समेत पांच स्थानों पर अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया है। यह घोटाला 100 करोड़ से अधिक का माना जा रहा है। यह घोटाला रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे किया गया है।
ईडी इस मामले में कई न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है। खासकर, रेलवे न्यायिक अधिकारी रहे आर.के. मित्तल और वकील बी.एन. सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। उल्लेखनीय है कि आर.के. मित्तल को कुछ साल पहले भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा से बर्खास्त किया गया था।
रेलवे में हुए करोड़ो के इस घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ के निर्देश पर सीबीआइ ने यह मामला दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने भी इस मामले में अपनी जांच शुरू की थी।
इस मामले में ईडी की छापामारी के बाद कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। ईडी की जांच में यह पता चला है कि रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे यह घोटाला किया गया है। ईडी ने इस मामले में कई दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को जब्त किया है।