बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर अनिश्चितता बनी हुई है।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 30 सीटों की मांग कर रही है, जबकि जनता दल (यूनाइटेड) 2020 की स्थिति बनाए रखना चाहता है। भारतीय जनता पार्टी दुविधा में है क्योंकि वह नीतीश कुमार को नाराज नहीं करना चाहती।
लोजपा का अतीत गठबंधन धर्म निभाने में चुनौतीपूर्ण रहा है, जिससे भाजपा और जदयू चिंतित हैं। लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान पार्टी के संस्थापक स्व. राम विलास पासवान के पुत्र हैं। लोकसभा चुनाव में उनके पांच उम्मीदवार खड़े हुए और सभी जीत गए।
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस लोकसभा चुनाव से अलग रहे और बाद में उन्होंने एनडीए से नाता भी तोड़ लिया। एनडीए ने लोजपा (रा) को असली मानकर गठबंधन किया।
विधानसभा चुनाव में लोजपा (रा) की मांग और जदयू की स्थिति के कारण सीटों के बंटवारे पर अनिश्चितता बनी हुई है। भाजपा दुविधा में है क्योंकि वह नीतीश कुमार को नाराज नहीं करना चाहती और लोजपा के साथ गठबंधन बनाए रखना चाहती है।
अब देखना यह है कि चिराग पासवान क्या दोहराएंगे इतिहास? क्या वह अपनी मांग पर अड़े रहेंगे या गठबंधन के लिए समझौता करेंगे? यह सवाल बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है।
एनडीए के घटक दलों के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। जदयू और भाजपा लोजपा की मांग को लेकर चिंतित हैं। अब देखना यह है कि एनडीए के घटक दल इस मुद्दे पर कैसे समझौता करते हैं और बिहार की राजनीति में क्या नया मोड़ आता है।