बिहार में 28% कम वर्षा, सारण में सबसे कम वर्षा रिकॉर्ड, सूखे की आशंका
पटना, [तारीख] : दक्षिण-पश्चिम मानसून ने लौटने का संकेत दे दिया है, लेकिन बिहार में इस वर्ष सामान्य से 28 प्रतिशत कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। राज्य में 938.6 मिमी की बजाय 676.1 मिमी वर्षा हुई है, जो गंभीर खतरे का संकेत है। कई जिलों में 50 प्रतिशत से भी कम वर्षा रिकॉर्ड की गई, सारण में सबसे कम वर्षा हुई।देश के पश्चिमी भाग यानी राजस्थान एवं गुजरात से मानसून लौटने का संकेत देने लगा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। दो दिनों बाद अधिसंख्य भागों में छिटपुट वर्षा के आसार हैं।
बिहार में इस वर्ष मानसून के दौरान सामान्य से 28 प्रतिशत कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। यह कम वर्षा राज्य के लिए गंभीर खतरे का संकेत है। कम वर्षा के कारण राज्य में सूखा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है।
राज्य के कई जिलों में इस वर्ष 50 प्रतिशत से भी कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। सारण जिले में सबसे कम वर्षा हुई है। अन्य जिलों में भी वर्षा की कमी देखी गई है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि कम वर्षा के कारण राज्य में सूखा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए।
राज्य सरकार ने कम वर्षा के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।