भागलपुर, जागरण संवाददाता। बिहार में मौसम के कहर से 59 लोगों की मौत हो गई है।
अब आपलोग सोच रहे होंगे कि अचानक इस तरह से मौसम क्यों बदला। इसके पीछे कौन सा फैक्टर काम कर रहा था। तो चलिए आज हम आपको समझाते हैं कि बिहार में अचानक मौसम ने क्यों कहर बरपाया।
मौसम विज्ञान केंद्र, पूर्णिया के विज्ञानी राकेश कुमार ने बताया कि इस मौसमी बदलाव के लिए 4 फैक्टर जिम्मेदार हैं। पहला, पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब का क्षेत्र बनने चक्रवाती परिसंचरण (साइक्लोनिक सर्कुलेशन) आंध्र प्रदेश से उत्तर की ओर ओडिशा और झारखंड के रास्ते बिहार की ओर बढ़ रहा है।
दूसरा, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती परिसंचरण और निम्न दबाव क्षेत्र से भी मौसम प्रभावित हो रहा है। यह स्थिति बिहार में मौसम को और भी खराब कर रही है।
तीसरा, पश्चिमी विक्षोभ के असर से पश्चिम हिमालयी क्षेत्रों में गतिविधियां बढ़ी हैं, जिसका प्रभाव बिहार पर भी पड़ रहा है। यह स्थिति बिहार में मौसम को और भी अस्थिर बना रही है।
चौथा, इन फैक्टर्स के संयोजन से तेज हवा और बारिश की स्थिति बन गई, जिससे बिहार में मौसम का कहर बढ़ गया। यह स्थिति बिहार के लोगों के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो रही है।
बिहार के विभिन्न जिलों में मौसम के बदलाव के कारण 59 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से अधिकांश नालंदा जिले में हैं। अन्य प्रभावित जिलों में सीवान, कटिहार, दरभंगा, बेगूसराय, भागलपुर और जहानाबाद शामिल हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक संवेदना व्यक्त की और मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुश्किल समय में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है।
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना की ओर से सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि गरज-तड़क के समय पेड़ों के नीचे खड़ा न हों, तेज हवा चलने के समय नाव से यात्रा करने से बचें, खेतों में काटकर रखी गई फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखें, वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं और सुरक्षित स्थान पर पार्क करें, और पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखें।