सरकार ने स्मार्ट मीटर के खिलाफ आरोपों को खारिज किया, कहा – सही रीडिंग दे रहे हैं स्मार्ट मीटर
बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर विवाद एक बार फिर सतह पर आया है। विधान परिषद में इससे जुड़े सवाल पर सरकार ने दो टूक जवाब दिया है। विपक्ष का आरोप है कि स्मार्ट मीटर सही रीडिंग नहीं दे रहे हैं और सरकार मुफ्त बिजली देने के नाम पर लोगों को ठग रही है। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने इन आरोपों को खारिज किया है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि स्मार्ट मीटर बिजली के उपयोग के आधार पर चलता है। सरकार महंगी दर से बिजली खरीदकर सस्ती दर से उपभोक्ताओं को दे रही। उन्होंने कहा कि बीपीएल परिवारों को पहले से ही 50 यूनिट तक बिजली नि:शुल्क दी जा रही है। राज्य में बीपीएल श्रेणी के कुल लगभग 59 लाख उपभोक्ता हैं।
उनमें से 10 लाख उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर है। उन्हें सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए निर्धारित टैरिफ (बिजली दर) में से अधिकांश हिस्से (73.4%) पर अनुदान दिया जा रहा है। यह दर 1.97 प्रति यूनिट है।
सरकार ने बताया कि 52 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। शिकायत बड़ी होनी चाहिए, जो कि नहीं है। हाल-फिलहाल केंद्रीय ऊर्जा मंत्री द्वारा आयोजित सेमिनार में पूरे देश में स्मार्ट मीटर लगाए जाने पर सहमति बनी है। इस व्यवस्था से अवगत होने के लिए छह-सात राज्यों का प्रतिनिधिमंडल भी बिहार का भ्रमण कर चुका है।
इस मामले में विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह लोगों को ठग रही है। विपक्ष के नेताओं ने कहा है कि स्मार्ट मीटर सही रीडिंग नहीं दे रहे हैं और सरकार मुफ्त बिजली देने के नाम पर लोगों को ठग रही है।
इस मामले में सरकार की ओर से ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा है कि सरकार लोगों को ठग नहीं रही है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर बिजली के उपयोग के आधार पर चलता है और सरकार महंगी दर से बिजली खरीदकर सस्ती दर से उपभोक्ताओं को दे रही है।