आंदोलनकारी छात्रों का कहना है कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है, जांच होनी चाहिए।
पटना में सर्दी बढ़ते जा रही है, लेकिन बीपीएससी अभ्यर्थियों के आंदोलन ने राजनीति गर्म कर दी है। गर्दनीबाग का इलाका इन दिनों आंदोलनकारी छात्रों से भरा है। माइक से आवाज आती है बीपीएससी अध्यक्ष इस्तीफा दो फिर जोर से छात्रों का समूह इस्तीफा दो इस्तीफा दो का नारा बुलंद करने लगती है।
आंदोलन स्थल पर लगे पंडाल में एक से एक स्लोगन चिपकाए गए हैं। किसी पर लिखा है री एग्जाम तो किसी पर कुछ। इसी में एक पोस्टर पर लिखा है “क्या रखा है किताबी संसार में, आयो बिना पढ़े टॉपर बन जाएं बिहार में”।
गर्दनीबाग में आंदोलन कर रहे बीपीएससी अभ्यर्थी परीक्षा रद करने व फिर से परीक्षा कराने की मांग को लेकर अड़े हैं। वहीं, बीपीएससी ने स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा रद नहीं होगा। अभ्यर्थी आगे की परीक्षा की तैयारी करें।
आंदोलनकारी छात्रों का कहना है कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है और इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर अड़े रहेंगे और जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
इस मामले में बिहार सरकार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। सरकार का कहना है कि परीक्षा में गड़बड़ी की जांच की जाएगी और यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आंदोलनकारी छात्रों ने बिहार सरकार से मांग की है कि वे परीक्षा में गड़बड़ी की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करें। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को मान लेती है, तो वे आंदोलन समाप्त कर देंगे।
इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सरकार परीक्षा में गड़बड़ी की जांच के लिए तैयार है, लेकिन आंदोलनकारी छात्रों को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों की मांगों को ध्यान से सुनेगी और उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेगी।