वायुसेना ने 114 नए मध्यम श्रेणी के लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी कर रही है।
यह खरीदारी वैश्विक टेंडर के माध्यम से की जाएगी और इसमें बोइंग, लाकहीड मार्टिन, दासौ और साब जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हो सकती हैं।
इन नए लड़ाकू विमानों को शामिल करने से वायुसेना को अपने स्क्वाड्रन की ताकत बनाए रखने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, मार्क 1 ए और मार्क-2 सहित हल्के लड़ाकू विमान भी वायुसेना में शामिल किए जाएंगे।
वैश्विक निविदा का हिस्सा बनने वाले विमानों में राफेल, ग्रिपेन, यूरोफाइटर टाइफून, मिग-31 और अमेरिकी एफ-16, एफ 15 विमान शामिल हैं। इनमें से एफ 15 को छोड़कर अन्य लड़ाकू विमान पहले ही 126 बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों के लिए पिछली निविदा में भाग ले चुके हैं और उनका मूल्यांकन भी हो चुका है।
इस खरीदारी से वायुसेना को दो मोर्चों पर युद्ध से निपटने की क्षमता और बढ़ेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपी गई है।
वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे वायुसेना की लड़ाकू क्षमता में वृद्धि होगी और वह देश की सुरक्षा के लिए और भी मजबूत होगी।
इस खरीदारी के लिए वायुसेना ने एक विस्तृत योजना बनाई है। इसमें विमानों की खरीदारी के अलावा उनके रख-रखाव और मरम्मत के लिए भी व्यवस्था की जाएगी।
वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि यह खरीदारी देश की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे वायुसेना की लड़ाकू क्षमता में वृद्धि होगी और वह देश की सुरक्षा के लिए और भी मजबूत होगी।