भारत और ब्रिटेन ने एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं
जिससे द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 34 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की उपस्थिति में इस समझौते को औपचारिक रूप दिया गया।
इस FTA से भारतीय निर्यात के 99% हिस्से को टैरिफ से लाभ होगा। इससे द्विपक्षीय व्यापार में सालाना लगभग 34 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि होगी। यह समझौता 2030 तक दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार को दोगुना करके 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने में भी मदद करेगा।
भारत-ब्रिटेन में मुक्त व्यापार समझौता होने के बाद चमड़ा, जूते, ऑटोपार्ट, सीफूड, खिलोने और कपड़ों का रियायती दरों पर निर्यात संभव होगा, जिससे ये चीजें ब्रिटेन के लोगों को सस्ती मिलेगी। इसके साथ ही ब्रिटेन से आने वाले सामानों पर भी आयात सस्ता होगा, जिससे भारतीयों को सस्ते में सामान मिलेगा।
इस समझौते से भारत के निर्यात में वृद्धि होगी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा। भारतीय उद्योगों को नए बाजारों में पहुंचने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और वे वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे।
यह समझौता दोनों देशों के आर्थिक विकास में मदद करेगा। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध मजबूत होंगे।
भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि और दोनों देशों के लोगों को लाभ पहुंचाने में मदद करेगा। यह समझौता दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार और आम लोगों के लिए नए अवसर प्रदान करेगा।