भारत ने हाल के वर्षों में अपनी रक्षा निर्यात क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि की है।
साल 2023-24 में भारत ने 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक के हथियार दूसरे देशों को बेचे, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।यह वृद्धि भारत की रक्षा उद्योग में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आर्मेनिया भारत का सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा है। उन्होंने आकाश वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम, पिनाका मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम और 155 मिमी आर्टिलरी गन जैसे हथियार प्रणालियां खरीदी हैं। ये हथियार भारत की रक्षा उद्योग की क्षमता को दर्शाते हैं।
भारत की रक्षा निर्यात में निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
1. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
2. डोर्नियर-228 विमान
3. आर्टिलरी गन
4. रडार
5. आकाश मिसाइल
6. पिनाका रॉकेट
7. बख्तरबंद वाहन
भारत की रक्षा निर्यात लगभग 100 देशों में की जा रही है, जिनमें से कुछ प्रमुख देश हैं:
1. आर्मेनिया
2. फिलीपींस
3. मोरक्को
4. श्रीलंका
5. म्यांमार
भारत की रक्षा निर्यात से देश को कई फायदे होंगे, जिनमें से कुछ हैं:
1. आर्थिक वृद्धि
2. रोजगार के अवसर
3. आत्मनिर्भरता में वृद्धि
4. रक्षा उद्योग की वृद्धि
5. अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मजबूती
भारत की रक्षा निर्यात में वृद्धि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो देश की अर्थव्यवस्था और रक्षा उद्योग को मजबूत बनाएगी। भारत को अपनी रक्षा निर्यात क्षमता को और बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे।