भीषण गर्मी और बारिश का कहर ,32 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद, 3238 मौतें
भारत में इस साल बदलते मौसम के मिजाज ने कई लोगों की जान ले ली है। भीषण गर्मी, भारी बारिश, सूखा और आंधी-तूफान के कारण 3238 मौतें हुईं, 32 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई और 2.36 लाख लोगों के घर टूटे। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरन्मेंट (सीएसई) की रिपोर्ट में ये आंकड़े सामने आए हैं।
मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 176 एक्सट्रीम वेदर वाले दिन दर्ज हुए, जबकि केरल में सबसे ज्यादा 550 लोगों की मौत हुई। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा फसलें बर्बाद हुईं। रिपोर्ट के मुताबिक, साल में हीटवेव की 77 घटनाएं हुईं और यह लगातार तीसरा साल रहा, जब हीटवेव गर्मी के एक मौसम में 50 दिन से ज्यादा चली।
सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा कि जो घटनाएं पहले सदियों में एकाध बार होती थीं, वे अब हर पांच साल में हो रही हैं। समाज के सबसे संवेदनशील तबके को इसका सबसे अधिक असर अपनी जानमाल खोकर भुगतना पड़ता है।
235 दिनों में से 176 दिन मध्य प्रदेश में एक्सट्रीम वेदर वाले दिन दर्ज हुए।
केरल में सबसे ज्यादा 550 लोगों की मौत हुई।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा फसलें बर्बाद हुईं।
साल में हीटवेव की 77 घटनाएं हुईं।
2.36 लाख लोगों के घर टूटे।
32 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई।
यह रिपोर्ट बदलते मौसम के प्रभावों के बारे में चिंता बढ़ाती है और हमें जलवायु परिवर्तन के प्रति अधिक सावधान और तैयार रहने की आवश्यकता की ओर इशारा करती है।