पूजा सिंघल 28 माह बाद जेल से बाहर निकलेंगी। कोर्ट ने दो-दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत देने का आदेश दिया है।
मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित निलंबित आईएएस पूजा सिंघल को बड़ी राहत मिली है। ईडी कोर्ट ने उन्हें जमानत की सुविधा प्रदान कर दी है। पूजा सिंघल 28 माह बाद जेल से बाहर निकलेंगी।
पूजा सिंघल को 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने दो-दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत देने का आदेश दिया है। इसके अलावा उन्हें अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा करना होगा।
पूजा सिंघल झारखंड की एक निलंबित आईएएस अधिकारी हैं। निलंबन से पहले पूजा सिंघल के पास उद्योग सचिव और खान सचिव का प्रभार था। पूजा सिंघल झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) की चेयरमैन भी रह चुकी हैं।
पूजा सिंघल की ओर से नए कानून बीएनएस का हवाला देते हुए ईडी कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई है, जिसमें जमानत के लिए बीएनएस की धारा 479 का हवाला दिया गया है। बीएनएस की धारा 479 के तहत कोई आरोपित, जिसका पहला अपराध है और उस धारा में होने वाली अधिकतम सजा का एक तिहाई अंडर ट्रायल में काट चुका है तो वह आरोपित जमानत का हकदार होगा।
पूजा सिंघल ने इसे लेकर जेल से ही बंदी पत्र लिखकर भेजा है। इस पूरे मामले में शुक्रवार को पूजा सिंघल का पक्ष रखा जा चुका है। अब ED इस पर अपना पक्ष रखेगी। इसके बाद ही पूजा सिंघल की जमानत पर कोई फैसला हो सकेगा।
पूजा सिंघल के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि उनकी मुवक्किल ने अपने पहले अपराध के लिए 28 माह की सजा काट ली है, इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए पूजा सिंघल को जमानत देने का आदेश दिया।
इस मामले में पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद से ही उनके समर्थकों ने उनकी जमानत की मांग की थी। अब कोर्ट के इस फैसले से पूजा सिंघल के समर्थकों में खुशी की लहर है।