वाराणसी और अयोध्या पर टिक गईं हैं।
एटीएस ने अपने स्तर पर पड़ताल शुरू की तो एनएसयूआई के प्रदेश सचिव वाराणसी के जैतपुरा निवासी शाहिद जमाल की प्रयागराज में मौजूदगी पता चली तो नींद उड़ गई। हालांकि, शाहिद लौटा तो एटीएस के दफ्तर में खुद जा पहुंचा, जहां पूछताछ के बाद इत्मीनान होने पर उसे छोड़ दिया गया।
शाहिद जमाल को वर्ष 2019 में एनआरसी मामले में गिरफ्तार किया गया था। वाराणसी से उन दिनों करीब 70 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। 16 जनवरी को एटीएस ने शाहिद को सत्यापन के नाम पर फोन किया तो उन्होंने बताया कि वह प्रयागराज महाकुंभ में है।
बताया कि मेले में लगे शॉल की दुकान पर काम कर रहा है। उसे तुरंत एटीएस ऑफिस पहुंचने को कहा गया, लेकिन एक दिन विलंब हो गया। जिसके बाद शाहिद के घर नोटिस चस्पा कर दिया गया।
शाहिद समाजवादी पार्टी समर्थित उम्मीदवार के रूप में हरिश्चंद्र कॉलेज से चुनाव जीता था। वर्तमान में एलएलबी की पढ़ाई कर रहा है। उसके पास भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई प्रदेश सचिव का पद है। शाहिद का कहना है कि उसे अनावश्यक परेशान किया जा रहा है।
महाकुंभ में आग लगने के बाद से ही खुफिया एजेंसियों ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। प्रयागराज, वाराणसी और अयोध्या में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। एटीएस और अन्य एजेंसियां अपने स्तर पर पड़ताल कर रही हैं और संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही है।