पावर कॉरपोरेशन के दो डिस्कॉम को निजी कंपनियों को सौंपा जाएगा
उत्तर प्रदेश में बिजली क्षेत्र में बड़े बदलाव की तैयारी है। पूर्वांचल और दक्षिणांचल के दो डिस्कॉम को जिन पांच निजी कंपनियों को सौंपा जाएगा, उनके चेयरमैन मुख्य सचिव होंगे।
इस फैसले के बाद से ही कई सवाल उठ रहे हैं। लेकिन पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला ऊर्जा क्षेत्र की स्थिति सुधारने के लिए रिफॉर्म प्रक्रिया के तहत लिया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि रिफार्म प्रक्रिया में वीआरएस का भी विकल्प है। वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद दो वर्ष तक कहीं और नौकरी न करने का प्रतिबंध नहीं होगा।
इसके अलावा, पावर कॉरपोरेशन ने यह भी स्पष्ट किया है कि निजी कंपनियों को जमीन का स्वामित्व नहीं दिया जाएगा। उनको केवल विद्युत वितरण संबंधी कार्यों की अनुमति दी जाएगी। निजी कंपनियां डिस्काम की संपत्तियों का उपयोग शापिंग माल, दुकानें या कांपलेक्स सहित अन्य व्यवसायिक या वाणिज्यिक कार्यों के लिए नहीं करेंगी।
पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि निजी कंपनियों को बिजली वितरण के कार्यों को सुधारने के लिए कई शर्तों का पालन करना होगा। उन्हें बिजली वितरण के कार्यों में सुधार करने के लिए कई कदम उठाने होंगे।
इस फैसले के बाद से ही कई लोगों ने इसका स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि यह फैसला ऊर्जा क्षेत्र की स्थिति सुधारने में मदद करेगा। लेकिन कुछ लोगों ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि यह फैसला निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए लिया गया है।