नई दिल्ली: भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना के लिए पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) को स्वदेशी रूप से विकसित करने के मेगा प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना भारत की वायु शक्ति क्षमता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एएमसीए परियोजना का उद्देश्य भारत में ही पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान को विकसित करना है, जिससे देश की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं में वृद्धि होगी। एएमसीए में एडवांस्ड स्टील्थ फीचर्स होंगे, जो इसे दुश्मन की रडार से बचने में मदद करेंगे। यह माध्यम वेट के होंगे और गहरे प्रवेश करने में सक्षम होंगे।
रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि एएमसीए परियोजना के निष्पादन के लिए “निष्पादन मॉडल” को मंजूरी दे दी गई है। इस मॉडल के तहत, उद्योग भागीदारी के माध्यम से कार्यक्रम को निष्पादित करने के लिए एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) तैयार है। निष्पादन मॉडल दृष्टिकोण प्रतिस्पर्धी आधार पर निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को समान अवसर प्रदान करता है।
परियोजना की शुरुआती विकास लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। भारतीय वायुसेना एएमसीए परियोजना की दीर्घकालिक जरूरत को देखते हुए इस पर जोर दे रही है। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के विकास के बाद एएमसीए के विकास में भारत के विश्वास में अहम बढ़ोतरी देखी गई है।
एएमसीए परियोजना भारत की वायु शक्ति क्षमता को बढ़ावा देने और स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना न केवल भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाएगी, बल्कि देश की एयरोस्पेस औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को भी बढ़ावा देगी।