रामनगर में प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है।
आरोप है कि बिचौलियों ने अवैध वसूली कर अपात्रों को लाभ पहुंचाया। स्थानीय विधायक ने सदन में मुद्दा उठाया और जांच की मांग की है। एक नागरिक ने भी निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि भ्रष्टाचार की पोल खुल सके।
नगर परिषद क्षेत्र के सभी 27 वार्डों में 1500 से अधिक लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना-2 के प्रथम चरण का लाभ दिया गया है। सूत्रों से पता चला है कि इसमें बिचौलियों के माध्यम से पांच से सात करोड़ रुपये की अवैध वसूली की गई है। बताया जा रहा है कि इस योजना का लाभ वैसे लोगों को दिया गया है जिनका पहले से पक्का मकान बना हुआ है और जिनके पास अपनी भूमि नहीं है।
हाल ही में एक मामला धोबी टोला में भी प्रकाश में आया है, जहां लाभुक के खाते में प्रथम किस्त की राशि भी आ गई है, जबकि जांच स्थानीय स्तर पर चल रही है। विधायक ने सदन में इस मुद्दे को उठाकर जांच की मांग की है और दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है।
विधायक ने कहा है कि इस मामले में जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है और इसमें कई लोगों की मिलीभगत हो सकती है। इसलिए जांच में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए।
नागरिकों ने भी निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि इस मामले में कई लोगों को फायदा पहुंचाया गया है, जो इसके हकदार नहीं थे। इसलिए जांच में यह पता लगना चाहिए कि किन लोगों ने इस मामले में भ्रष्टाचार किया है और उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
यह मामला रामनगर में प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार की पोल खोलता है। अब देखना होगा कि जांच में क्या निकलता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई की जाती है। नागरिकों को उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाएगा।