अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा फैसला लिया है।
आतंकी खतरों से निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा। इन उपकरणों में सीसीटीवी कैमरे, टीथर्ड ड्रोन कैमरे, एंटी-ड्रोन सिस्टम और टायर किलर जैसे आधुनिक उपकरण शामिल हैं।
राम मंदिर की सुरक्षा का विस्तृत प्लान तैयार किया जा चुका है। निर्माण पूर्ण होने के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था को विस्तार दिया जाएगा। निगरानी के लिए बड़े पैमाने पर एआई आधारित उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
गत 12 अप्रैल को राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। एक वर्ष में राम मंदिर को लेकर कई बार षड्यंत्रों का रहस्योद्घाटन हो चुका है, जिनको ध्यान में रखते हुए राम मंदिर की सुरक्षा योजना को विस्तार दिया जाएगा।
बुधवार को जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर चर्चा की गई। राम मंदिर की सुरक्षा के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं।
राम मंदिर का निर्माण परंपरागत नागर शैली में किया जा रहा है। मंदिर की लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। मंदिर में 5 मंडप बनाए गए हैं, जिनमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप शामिल हैं। मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा, जिसकी कुल लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फीट है ¹।