यूक्रेन युद्ध के बीच नई न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन को मंजूरी
मॉस्को, रूस – रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, जो दुनिया भर के लिए चिंता का विषय है। हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ अमेरिका की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है, जिससे रूस के बड़े शहरों को निशाना बनाने की क्षमता प्रदान होगी।
इस कदम से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बेहद नाराज हैं और उन्होंने एक नई न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन को मंजूरी दी है, जिसमें कहा गया है कि अगर किसी परमाणु संपन्न देश की मिसाइल से रूस पर हमला किया जाता है, तो पुतिन परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार कर सकते हैं।
रूस ने अपने परमाणु सिद्धांत में बदलाव किया है, जिसमें कहा गया है कि रूस पर पारंपरिक मिसाइलों, ड्रोन व अन्य विमानों से किया गया हमला भी परमाणु हथियार के इस्तेमाल करने के मानदंडों के दायरे में आएगा। यह तनाव यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ रहा है, जो 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से रूस और पश्चिम देशों के बीच सबसे बड़े टकराव को जन्म दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह तनाव दुनिया भर के लिए खतरनाक हो सकता है और इसके परिणाम भयानक हो सकते हैं। रूस और अमेरिका दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और उनके बीच तनाव बढ़ने से दुनिया भर में चिंता बढ़ गई है।
अमेरिका की मिसाइल मंजूरी: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ अमेरिका की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है।
रूस की नई न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक नई न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन को मंजूरी दी है, जिसमें परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बात कही गई है।
यूक्रेन युद्ध: यह तनाव यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ रहा है, जो 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से रूस और पश्चिम देशों के बीच सबसे बड़े टकराव को जन्म दिया है।