पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने दिए निर्देश, जनसुनवाई में प्राथमिकता और जाम से निजात दिलाना प्राथमिकता
यूपी में पुलिसिंग के मानक पर खरा न उतरने वाले पुलिस कर्मियों पर अधिकारी शिकंजा कसने लगे हैं। वरुणा जोन में तीन इंसपेक्टर समेत 20 पुलिसकर्मियों की अलग-अलग लापरवाही के लिए जांच फाइल खोली है। अफसरों के रुख से सड़कों पर पुलिसिंग नजर भी आने लगी है। अलग-अलग जोन में एसीपी से लेकर जेसीपी पुलिस आयुक्त तक मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने रविवार को यातायात पुलिस लाइन में महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने दोहराया कि जनसुनवाई में प्राथमिकता, जाम और अतिक्रमण से पब्लिक को राहत दिलाना उनकी प्राथमिकता है। कहा कि अतिक्रमण और जाम से निजात दिलाने में असफल थानेदारों की कुर्सी छिनेगी।
पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के लिए कई बिंदुओं को आधार बनाया गया है। सर्दियों में रात्रि भ्रमण के आदेश हैं। इसके बावजूद चेकिंग में कई लोग नहीं मिलते हैं। मजबूत पहरेदारी का संदेश न दे पाने का असर सिलसिलेवार चोरियों के रूप में सामने आता है। अफसरों ने इसे गंभीरता से लिया और कइयों के खिलाफ कार्रवाई कर डाली। लिखा-पढ़ी में कार्रवाई के कारण पुलिसिंग जमीन पर जरूर नजर आने लगी है।
इसी क्रम में पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने रविवार को यातायात पुलिस लाइन में महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने दोहराया कि जनसुनवाई में प्राथमिकता, जाम और अतिक्रमण से पब्लिक को राहत दिलाना उनकी प्राथमिकता है। कहा कि अतिक्रमण और जाम से निजात दिलाने में असफल थानेदारों की कुर्सी छिनेगी।
इसके अलावा, पुलिस आयुक्त ने यह भी कहा कि सीसीटीवी न लगाने पर जनसामान्य को भी नोटिस भेजा जाएगा। कहा कि व्यापारियों व स्थानीय लोगों को सीसीटीवी कैमरों से होने वाले लाभ के संबंध में जानकारी दी जाए। निजी लोगों के सीसीटीवी कैमरों को कंट्रोल रूम से लिंक कराए जाएं। रेलवे स्टेशनों पर भी वहां की फोर्स के साथ निरीक्षण करें।