स्कूली बच्चों को पढ़ाई जाएगी ब्रम्होस और आकाश मिसाइलों की शौर्य गाथा
नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय जल्द ही ब्रम्होस और आकाश मिसाइलों की शौर्य गाथा को स्कूली बच्चों तक पहुंचाने की तैयारी में है। इन मिसाइलों ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। यह कहानी पाठ्यक्रम के अतिरिक्त गतिविधियों और भारतीय भाषाओं को सिखाने के क्रम में रोचक तरीके से पहुंचाई जाएगी।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को एक कार्यक्रम में इसके संकेत दिए और कहा कि ब्रम्होस और आकाश की ताकत हमारी शिक्षा व्यवस्था की मजबूती का प्रमाण है। ऐसे में हमें शोध पर अधिक बल देना चाहिए। इसके लिए पीएम रिसर्च फंड में जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि इस पहल से बच्चों के मन में ऐसे शोधों के प्रति रूझान बढ़ेगा, जो राष्ट्रीय हितों के प्रति जुड़ाव बढ़ाने वाले हों। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बच्चों में स्कूली स्तर से ही ऐसे बीज रोपने की सिफारिश की गई है, ताकि वह आगे चलकर शोध और इनोवेशन के क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर सकें।
ब्रम्होस मिसाइल: रफ्तार- 9878 किमी प्रति घंटा, रेंज- 400 किमी, वजन- 1290 किलोग्राम, लंबाई- 8.4 मीटर, भार ले जाने की क्षमता- 3000 किलोग्राम।
आकाश मिसाइलः रफ्तार- 3087 किमी प्रति घंटा, लंबाई 5.78 मीटर, वजन- 720 किलोग्राम, रेंज- 80 किलोमीटर, भार ले जाने की क्षमता-60 किलोग्राम।
इस पहल से बच्चों को भारत की सैन्य शक्ति और तकनीकी क्षमता के बारे में जानकारी मिलेगी। इससे बच्चों में राष्ट्रीय गौरव और देशभक्ति की भावना बढ़ेगी। साथ ही, इससे बच्चों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।