अल्पसंख्यकों का पलायन जारी
लेबनानी अधिकारियों के अनुसार, आठ दिसंबर से अभी तक अल्पसंख्यकों और अन्य लोगों समेत एक लाख से ज्यादा सीरियाई लेबनान पहुंच चुके हैं। सीरिया में रहने वाले अल्पसंख्यकों और अन्य के लिए लेबनान का माहौल और वहां पहुंचना अन्य पड़ोसी देशों की तुलना में सुविधाजनक है।
इस्लामिक शासन और उसकी पाबंदियों की आशंका से सीरिया से शिया समुदाय के लोगों और अन्य अल्पसंख्यकों का पलायन हो रहा है। दसियों हजार लोग भागकर पड़ोसी देश लेबनान पहुंचे हैं।
दमिश्क पर कब्जा करने वाले सुन्नी संगठन हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) ने इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार शासन चलाने का एलान किया है, लेकिन अल्पसंख्यकों के रीत-रिवाजों को भी महत्व देने की बात कही है। लेकिन शिया और अन्य अल्पसंख्यकों को इस आश्वासन पर भरोसा नहीं है।
दमिश्क पर कब्जा करने वाले सुन्नी संगठन हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) ने इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार शासन चलाने का एलान किया है, लेकिन अल्पसंख्यकों के रीत-रिवाजों को भी महत्व देने की बात कही है। लेकिन शिया और अन्य अल्पसंख्यकों को इस आश्वासन पर भरोसा नहीं है।
लेबनानी अधिकारियों के अनुसार, आठ दिसंबर से अभी तक अल्पसंख्यकों और अन्य लोगों समेत एक लाख से ज्यादा सीरियाई लेबनान पहुंच चुके हैं। सीरिया में रहने वाले अल्पसंख्यकों और अन्य के लिए लेबनान का माहौल और वहां पहुंचना अन्य पड़ोसी देशों की तुलना में सुविधाजनक है।
सीरिया में रहने वाले अल्पसंख्यकों को इस्लामिक शासन की आशंका है, जो उनके अधिकारों और स्वतंत्रता को खतरे में डाल सकता है। इसलिए, वे लेबनान जैसे पड़ोसी देशों में शरण लेने को मजबूर हैं।
लेबनानी अधिकारियों ने कहा है कि वे सीरियाई शरणार्थियों की मदद के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी इस मामले में उनकी मदद करेगा।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) ने कहा है कि सीरिया से लेबनान पहुंचे शरणार्थियों की संख्या बढ़ रही है और उन्हें मदद की जरूरत है। एजेंसी ने कहा है कि वह लेबनानी अधिकारियों के साथ मिलकर शरणार्थियों की मदद के लिए काम कर रही है।