गैर-दलित महिला को नहीं मिलेगा एससी टैग
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें एक गैर-दलित महिला और एक दलित व्यक्ति के बीच विवाह को रद्द करते हुए उनके बच्चों के रिजर्वेशन के हक पर फैसला किया गया है।
कोर्ट ने कहा कि एक गैर-दलित महिला अपनी शादी से अनुसूचित जाति का टैग नहीं पा सकती। लेकिन अनुसूचित जाति के पुरुष से पैदा हुए उसके बच्चे एससी टैग के हकदार होंगे।
कोर्ट ने पति को अपने नाबालिग बच्चों के लिए अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने का आदेश दिया, जो पिछले छह वर्षों से अपनी मां के साथ रह रहे हैं।
इस फैसले का मतलब यह है कि बच्चों को सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के उद्देश्य से अनुसूचित जाति का माना जाएगा। यह फैसला अनुसूचित जाति के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद करेगा।
कोर्ट ने यह भी कहा कि गैर-दलित महिला को अपने पति की अनुसूचित जाति का टैग नहीं मिल सकता है, लेकिन उनके बच्चे अनुसूचित जाति के हकदार होंगे।
इस फैसले के बाद, अनुसूचित जाति के लोगों को अपने अधिकारों की रक्षा करने में मदद मिलेगी। यह फैसला अनुसूचित जाति के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद करेगा।