सुप्रीम कोर्ट ने आज इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा से कैश कांड पर सवाल पूछा है।
जस्टिस वर्मा ने जांच रिपोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर आज सुनवाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपांकर दत्त और एजी मसीह की बेंच ने जस्टिस वर्मा से याचिका पर कई सवाल पूछे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका में कैश कांड में आई जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। जस्टिस वर्मा ने इन-हाउस जांच रिपोर्ट को गलत बताया है और सुप्रीम कोर्ट से न्याय की मांग की है। जस्टिस वर्मा का कहना है कि जांच रिपोर्ट में कई खामियां हैं और इसे दोबारा जांच करने की जरूरत है।
वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल ने जस्टिस वर्मा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में उनका पक्ष रखा। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 124 का हवाला देते हुए कहा कि जज सार्वजनिक बहस का हिस्सा नहीं हो सकते हैं। कपिल सिब्बल ने कहा कि जजों को अपने कार्यों के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता है और उनकी स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए। कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि जस्टिस वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट को जजों की स्वतंत्रता का ध्यान रखना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनसे कई सवाल पूछे। कोर्ट ने जस्टिस वर्मा से पूछा कि उन्होंने जांच रिपोर्ट के खिलाफ याचिका क्यों दायर की और क्या उन्हें लगता है कि जांच रिपोर्ट में कोई गलती है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि जस्टिस वर्मा को कैसे लगता है कि जांच रिपोर्ट में खामियां हैं और इसे दोबारा जांच करने की जरूरत है।
अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट जस्टिस वर्मा की याचिका पर क्या फैसला लेता है। अगर सुप्रीम कोर्ट जस्टिस वर्मा की याचिका को स्वीकार करता है तो इससे कैश कांड में आई जांच रिपोर्ट पर असर पड़ सकता है और जस्टिस वर्मा को न्याय मिल सकता है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला जस्टिस वर्मा के करियर और प्रतिष्ठा के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।
जस्टिस वर्मा ने जांच रिपोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा से याचिका पर कई सवाल पूछे हैं।
कपिल सिब्बल ने जस्टिस वर्मा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में उनका पक्ष रखा है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला जस्टिस वर्मा के करियर और प्रतिष्ठा के लिए महत्वपूर्ण होगा।