तिरुपति मंदिर के लड्डू में पशुओं की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट, संतों ने कहा- भगवान के साथ विश्वासघात
गोरखपुर। आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशुओं की चर्बी और मछली का तेल पाए जाने की घटना ने संतों और महंतों को भारी आक्रोश में ला दिया है। उन्होंने इसे श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ और मंदिरों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास बताया है।महंतों ने मांग की है कि ऐसा करने वालों को चिह्नित किया जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ की श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा लेने के लिए गोरखनाथ मंदिर आए संतों ने इस प्रकरण पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
डॉ. राम विलास वेदांती (पूर्व सांसद, वशिष्ठ भवन, हिंदू धाम, अयोध्या) ने कहा, “यह घटना संतों को आक्रोशित करने वाली है। यह केवल भक्तों के साथ ही नहीं, बल्कि भगवान के साथ भी विश्वासघात है। यह किसी साजिश के तहत किया गया है। साजिश का पर्दाफाश होना चाहिए और जो भी इसका दोषी पाया जाए, उसे ऐसी सजा दी जाए कि आगे से कोई ऐसा करने की हिम्मत न जुटा सके।”
यह घटना श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है।
यह मंदिरों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास है।
ऐसा करने वालों को चिह्नित किया जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
यह घटना भगवान के साथ भी विश्वासघात है।
यह किसी साजिश के तहत किया गया है।
तिरुपति मंदिर प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।
जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने श्रद्धालुओं की आस्था को झकझोर दिया है और संतों-महंतों में भारी आक्रोश फैला दिया है।