वकील विष्णु शंकर जैन ने उठाए सवाल
नई दिल्ली: वक्फ संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पर वकील विष्णु शंकर जैन ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि जब वक्फ बोर्ड के मामले में उनकी याचिका पर सुनवाई हुई थी, तो कोर्ट ने उनसे पूछा था कि वे सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आए, जबकि अलग-अलग हाईकोर्ट में 140 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई थीं।
विष्णु शंकर जैन ने आगे कहा कि पिछले 13 सालों से हिंदू मंदिरों के अधिग्रहण से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, लेकिन हाल ही में कोर्ट ने कहा कि ये मामले हाईकोर्ट में होने चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि अब क्या मापदंड है कि कोई दूसरा पक्ष सुप्रीम कोर्ट आए और उनकी न सिर्फ सुनवाई हो बल्कि अंतरिम आदेश से जुड़ी बातें भी कही जाएं।
वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ 70 से ज्यादा याचिकाएं कोर्ट में दायर की गई हैं। देश के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है। बुधवार को 2 घंटे से ज्यादा लंबे समय तक सुनवाई हुई थी।
विष्णु शंकर जैन ने कहा, “जब हमने वक्फ बोर्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, तो कोर्ट ने हमसे पूछा था कि हम सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आए और सुझाव दिया था कि हमें हाईकोर्ट जाना चाहिए। अब क्या मापदंड है कि कोई दूसरा पक्ष सुप्रीम कोर्ट आए और उनकी न सिर्फ सुनवाई हो बल्कि अंतरिम आदेश से जुड़ी बातें भी कही जाएं?”
विष्णु शंकर जैन ने आगे कहा कि पिछले 13 सालों से हिंदू मंदिरों के अधिग्रहण से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, लेकिन हाल ही में कोर्ट ने कहा कि ये मामले हाईकोर्ट में होने चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि अब क्या मापदंड है कि कोई दूसरा पक्ष सुप्रीम कोर्ट आए और उनकी न सिर्फ सुनवाई हो बल्कि अंतरिम आदेश से जुड़ी बातें भी कही जाएं।
अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आगे क्या फैसला लेता है। वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई जारी रहेगी और कोर्ट का फैसला आने तक इस मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।