सीडीएस जनरल अनिल चौहान
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि ड्रोन युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान ने ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। जनरल चौहान ने कहा कि ड्रोन छोटे-छोटे हथियार जंग में पासा पलट सकते हैं।
जनरल चौहान ने विदेशी तकनीक पर निर्भरता को लेकर भी आगाह किया और स्वदेशी तकनीक के विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के ड्रोन गिराए। स्वदेशी तकनीक के विकास से हम विदेशी तकनीक पर निर्भर नहीं रहेंगे और अपनी सुरक्षा जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।
सीडीएस ने मॉर्डन वारफेयर के स्वदेशी विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी मानवरहित हवाई प्रणालियां (UAs) और सी-यूएएस महत्वपूर्ण हैं। स्वदेशी विकास से हम अपनी सुरक्षा जरूरतों को पूरा कर सकेंगे और विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम कर सकेंगे।
जनरल चौहान ने खुलासा किया कि कैसे पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बिना हथियार वाले ड्रोन और लॉइटर मुनिशन का इस्तेमाल किया, मगर भारतीय सेना ने इनका मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय सेना की क्षमता और तैयारी को देखते हुए, हमें विश्वास है कि हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान के बयान से साफ है कि ड्रोन युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। स्वदेशी तकनीक के विकास पर जोर देना भी महत्वपूर्ण है, ताकि हम विदेशी तकनीक पर निर्भर न रहें। भारतीय सेना की क्षमता और तैयारी को देखते हुए, हमें विश्वास है कि हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
भारतीय सेना और सरकार स्वदेशी तकनीक के विकास पर जोर दे रही है। हमें उम्मीद है कि भविष्य में हम अपनी सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वदेशी तकनीक का विकास करेंगे और विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम करेंगे।