भारत ने अहमदाबाद में 12 जून को हुए एअर इंडिया विमान हादसे की जांच में संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ता को शामिल करने की पेशकश को अस्वीकार कर दिया है।
रॉयटर्स के अनुसार, भारत ने संयुक्त राष्ट्र विमानन एजेंसी (ICAO) के पर्यवेक्षक का दर्जा देने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
भारतीय अधिकारियों ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि भारत इसकी अनुमति नहीं देगा। कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों ने ब्लैक बॉक्स डेटा के विश्लेषण में देरी के लिए इसकी आलोचना की थी। भारत ने अपनी जांच एजेंसियों पर भरोसा जताया है और उन्हें इस हादसे की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
संयुक्त राष्ट्र विमानन एजेंसी ने जांच में सहायता प्रदान करने के लिए भारत को अपने एक जांचकर्ता की पेशकश की थी। इससे पहले, ICAO ने कुछ जांच में मदद करने के लिए जांचकर्ताओं को तैनात किया था, जैसे कि मलेशियाई विमान के लापता होने की जांच और यूक्रेनी जेटलाइनर की जांच। हालांकि, भारत ने अपनी जांच एजेंसियों की क्षमता और अनुभव पर भरोसा जताते हुए इस पेशकश को ठुकरा दिया है।
12 जून को अहमदाबाद में बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर दुर्घटना में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे की जांच के लिए भारत सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जो दुर्घटना के कारणों का पता लगाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश सुझाएगी। जांच समिति में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, गृह मंत्रालय और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं।
जांच समिति दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। इसमें विमान के ब्लैक बॉक्स डेटा का विश्लेषण, विमान के मलबे की जांच, और गवाहों की गवाही शामिल है। जांच समिति का उद्देश्य दुर्घटना के कारणों का पता लगाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सिफारिशें करना है।
भारत ने एअर इंडिया विमान हादसे की जांच में संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ता को शामिल करने की पेशकश को अस्वीकार कर दिया है। भारत सरकार ने अपनी जांच एजेंसियों पर भरोसा जताया है और उन्हें इस हादसे की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है। जांच समिति दुर्घटना के कारणों का पता लगाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश सुझाएगी।